यह जो ख़बर छपी हुई हे वह सोचने लायक ज़रूर हे।
हमें चुनाव से कया मीलेगा? हाल में जो भी चुने हुए जन प्रतिनीधि है उन्होंने जनता के लीये कया कीया? या यह कहे की वह लोग जनता के लीये कया कर सकते थे? क्योंकि वह जन प्रतिनीधि तो थे पर उनके पास सत्ता नही थी। वह सब रबर स्टैम्प थे। उपर से जो आदेश आता है उसका उनको पालन करना पड़ता हे, चाहे वह आदेश पक्षका हो या प्रशासन का।
प्रशासन में जन प्रतिनीधि का कोई सुनता नही, उनकी कुछ चलती नही। चाहे बात कर बढ़ोतरी की हो या नये प्रोजेक्ट की हो प्रशासन अपने मन की ही करता हे। यह लोग वापस चुनाव जीत भी जायेंगे तो कया तोप फोड़ने वाले है? वह लोग वापस वही ग़ुलामी करेंगे और लोगो को मूर्ख बनायेंगे।
No comments:
Post a Comment