दमण नगरपालिका द्वारा मिलकत कर में बेतहाशा बढ़ोतरी की गई थी। जिसका लोगो द्वारा विरोध करने के बाद और आनेवाले चुनावों के कारण नगरसेवकों में भी गभराहट देखी गई हे।
यह वही नगरसेवक है जिनके द्वारा यह बढ़ोतरी की मंजूरी दी गई थी। अब जब चुनाव सामने दिखने लगा और लोगो में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए, इसको चुनावी मुद्दा बनते रोकने के लिए नगरसेवकों ने बेठकमे ठराव पसार कर दिया कि वे लोग उनके ही द्वारा किए गए कर बढोतरी का विरोध करते हे।
अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि चुनाव होने के बाद क्या? क्या चुनाव के बाद भी कम किया हुआ कर लागू रहेगा कि फिर अपना मतलब निकाल ने के बाद बढ़ाया हुआ कर फिर लागू होगा? इसका खुलासा करना बहुत जरूरी है।
क्या हाल में जो नगरसेवक हे वह लोग जाहिर में जबान देने के लिए तैयार है कि अगर वह लोग वापस चुनके आयेंगे तो वह लोग कर नहीं बढ़ने देंगे।
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