दीवकी नगरसेविकाने विज विभागके खानगीकरण का विरोध किया हे। उन्होंने एक पत्रकार परिषदमे विरोध जताया हे। बात ख़त्म हो गयी। आगे कया हुआ ओर कया कीया पता नही। एक पत्रकार परिषद और बस बात ख़त्म।
नेता लोग को सिर्फ़ चुनाव जीतने तक लोगोकी चिंता होती है, एक बार कोइ छोटासा चुनाव कया जीत लिया वह लोग सरकार के बन कर रह जाते हे।
एक ज़माना था की जब यही विज विभागके खानगीकरण को ले के यही नेता लोग रास्ते पर आते थे और जनताके दर्द की आवाज़ बनते थे ओर जनता उनके एक इशारे पे उनके साथ हो लेती थी और सब साथ मिलकर जीतते थे। ऐसा कइ बार हुआ है और विज विभागके खानगीकरणको रुकवाया गया था।
लेकिन अब कया हो रहा है? कयु कोई मज़बूती से आवाज़ उठाने को तैयार नही हे? सब को कीस चीज़ का डर सता रहा हे? या अब सब नेता की जनता के लिये लड़ने की जरूरत नही रही हे, सब नेताओने इतना धन कमा लिया हे की अब चुनाव हार भी जाये तो कोई फ़र्क़ पड़ने वाला नही हे?
एक सोची समजी चाल के तहत दमण-दीव के विज विभाग, जो सालों से नफ़ा कर रहा था उस विभाग को खोट करने के लिये मजबूर कीया जा रहा हे क्योंकि विज विभाग को बेचnना जो हे!
लेकिन अब कया हो रहा है? कयु कोई मज़बूती से आवाज़ उठाने को तैयार नही हे? सब को कीस चीज़ का डर सता रहा हे? या अब सब नेता की जनता के लिये लड़ने की जरूरत नही रही हे, सब नेताओने इतना धन कमा लिया हे की अब चुनाव हार भी जाये तो कोई फ़र्क़ पड़ने वाला नही हे?
एक सोची समजी चाल के तहत दमण-दीव के विज विभाग, जो सालों से नफ़ा कर रहा था उस विभाग को खोट करने के लिये मजबूर कीया जा रहा हे क्योंकि विज विभाग को बेचnना जो हे!
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